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Tuesday, April 27, 2010

बैंक कर्मियों के वेतन में 17.5 प्रतिशत वृद्धि होगी

सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के करीब दस लाख बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए मंगलवार का दिन खुशियां लेकर आया। भारतीय बैंक संघ :आईबीए: तथा बैंक कर्मचारी संघों ने यहां नए वेतन मानकों के समझौते पर हस्ताक्षर कर दिये। इस समझौते से बैंककर्मियों के वेतन में औतसन 17.5 प्रतिशत वृद्धि होगी।
वेतन समझौते में उन बैंक कर्मियों को भी राहत मिली है जो कि 1995 में पेंशन योजना का लाभ नहीं उठा पाये थे, अब उन्हें पेंशन योजना में जाने का एक और मौका मिलेगा। इसके अलावा नया वेतन समझौता एक नवंबर 2007 से लागू होगा।
आईबीए के उप मुख्यकार्यकारी के उन्नीकृष्णन ने बताया ‘‘हमने आज बैंक कर्मचारी संघों के साथ समझौता किया है, इस समझौते के अनुसार बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन में 17.5 प्रतिशत वृद्धि होगी और इससे नये वेतनमान से बैंकों पर नवंबर 2007 से एरिअर भुगतान सहित कुल 4816 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। वेतन समझौते का लाभ सार्वजनिक क्षेत्र के 26 बैंकों के आठ लाख कर्मियों, निजी क्षेत्र के 12 बैंकों और आठ विदेशी बैंकों के कर्मचारियों को मिलेगा। हालांकि देश में निजी क्षेत्र के 23 और 31 विदेशी बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र के 26 बैंकों में दस लाख से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं।

विदेशी पूँजी प्रवाह पर कर संभव-रिजर्व बैंक

रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा है कि भारत पूँजी प्रवाह पर टॉबिन टैक्स लगाने पर विचार नहीं कर रहा है, लेकिन बाद में इस कर को लगाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

टॉबिन टैक्स वह टैक्स है जिसे देश में विदेशी पूँजी प्रवाह में अल्पकालिक उछाल को हतोत्साहित करने के लिए विदेशी मुद्रा लेन-देन पर लगाया जाता है।

यहाँ पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुब्बाराव ने कहा कि देश में विदेशी पूँजी का प्रवाह कितना है इस आधार पर हम उपाय करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो टॉबिन टैक्स जैसे उपाय किए जा सकते हैं।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि फिलहाल हम टॉबिन टैक्स पर विचार नहीं कर रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि इसकी जरूरत है, लेकिन यह हमारे विचार से बाहर भी नहीं है।

सुब्बाराव ने कहा कि ऐसे समय में जब आर्थिक संकट पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, कुछ उभरते देशों में पूँजी प्रवाह की तेजी को देखते हुए टॉबिन किस्म के टैक्स लगाने के प्रश्न एवं सुझाव सामने आ रहे हैं।

संकट से पहले और बाद में चिली, कोलंबिया, ब्राजील और मलेशिया जैसे कुछ देशों ने टॉबिन टैक्स या इसी तरह के कर के साथ प्रयोग किया है। (भाषा)

3जी की नीलामी

सरकार को 3जीबीडब्ल्यूए (थर्ड जनरेशनब्रॉडबैंड वायरलेस एक्सेस) की नीलामी से 45,000-50,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है जबकि बजट में इसके जरिए 35,000 करोड़ रुपये मिलने की बात कही गई थी।

3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के 14वें दिन तक लगी बोली 33,500 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है जबकि बीडब्ल्यूए की नीलामी 3जी की बोली की समाप्ति के दो दिन बाद शुरू होगी। दूरसंचार सेवा प्रदाताओं में से ज्यादातर के पास 7 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम है। अब 3जी की नीलामी में 5 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम मिलने के बाद उनका संचालन खर्च 30 से 40 फीसदी तक घट सकता है।

प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एपीआरयू) तेजी से कम हो रहा है और कंपनियों को राजस्व के नए क्षेत्रों की दरकार है। इनमें से ज्यादातर कंपनियों को उच्च गति वाले इंटरनेट एक्सेस व अन्य चीजों का इंतजाम करना होगा, जिसमें बड़े बैंडविड्थ की जरूरत होती है।

एक ओर जहां वॉयस टेलीफोनी के नए उपयोगकर्ता से मिलने वाला वृध्दिशील एपीआरयू 100 रुपये प्रति माह तक नीचे चला गया है, वहीं टाटा टेलीसर्विसेज व आर कॉम द्वारा मुहैया कराए जाने वाले 3जी जैसे वायरलेस इंटरनेट से उन्हें 650 रुपये प्रति माह से ज्यादा का राजस्व मिल रहा है।

इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या मोबाइल का इस्तेमाल करने वाले लोगों से कम है। ऐसे में सवाल है कि ज्यादा रकम चुकाने वाले ऐसे ग्राहकों की संख्या (अगले 5 साल में अनुमानित 9-10 करोड़) बोली में लगे कुल 45-50,000 करोड़ रुपये के हिसाब से पर्याप्त है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज रिसर्च ने करीब एक महीने पहले 51,300 करोड़ रुपये की बोली का अनुमान जताया था (3जी के लिए 10.3 और बीडब्ल्यूए के लिए 1.1 अरब डॉलर) और अब उसका आंकड़ा सही नजर आ रहा है।

एक ओर जहां कंपनियां 3जी की नई व बेहतर सेवाओं के जरिए 6.1 अरब डॉलर हासिल करेंगी, वहीं वे 3जी स्पेक्ट्रम नहीं मिलने पर 6.3 अरब गंवाएंगी क्योंकि ग्राहक दूसरी कंपनियों का दामन थाम लेंगे। इस तर्क के आधार पर अगर कंपनियां बोली लगाती हैं और मान लेते हैं कि 3जी के लिए 9 अरब डॉलर, तो यह रकम 6.1 अरब डॉलर से ज्यादा है जो कि वे 3जी सेवाओं के जरिए कमाएंगी।

साल 2008 में 2जी की नीलामी के जरिए दूरसंचार मंत्री ने सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया था। मान लेते हैं कि 3जी की नीलामी 40,000 करोड़ रुपये पर आकर टिकती है और उसमें चार कंपनियों को पूरे देश में 5 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम का लाइसेंस मिलता है तो फिर इसका हिसाब 2000 करोड़ रुपये प्रति मेगाहट्र्ज बैठता है, वहीं राजा ने 375 करोड़ रुपये प्रति मेगाहट्र्ज के हिसाब से लाइसेंस दिया था।

एक ओर जहां 2जी के मुकाबले 3जी से कंपनियां ज्यादा ग्राहकों को सेवा दे सकती हैं, वहीं दूसरी ओर महंगे हैंडसेट की वजह से 3जी सेवा की मांग में अवरोध दिख रहा है। अगर 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी सही कीमत पर हुई होती और वह 3जी के मुकाबले सिर्फ आधी होती यानी 1000 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज, तो फिर मामला कुछ और होता।

राजा ने अपनी पसंदीदा फर्मों को सरकार के 15,000 करोड़ रुपये उपहार के तौर पर दे दिए-भारत के इतिहास में सबसे बड़ा उपहार। अहम सवाल यह है कि राजा अभी भी सरकार में मंत्री के पद पर क्यों बने हुए हैं?

कई राज्यों में भारत बंद का असर

नई दिल्ली। महंगाई के विरोध में मंगलवार को 13 दलों के राष्ट्रव्यापी बंद का कई राज्यों में असर देखा गया। बंद से कई राज्यों में परिवहन व्यवस्था चरमरा गई। बंद के समर्थन में स़डकों पर उतरे कई नेताओं व हजारों कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया।
बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष रामविलास पासवान सहित 1,410 लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया। बंद समर्थकों ने कई स्थानों पर स़डक जाम कर दिया तो कई स्थानों पर रेलगाç़डयां रोक दी। कुछ स्थानों पर बंद समर्थकों और पुलिस में झ़्ाडपें भी हुई। राज्य पुलिस मुख्यालय के अनुसार अब तक राज्यभर में 1,410 बंद समर्थकों को हिरासत में लिया गया है। इनमें सबसे ज्यादा पटना में 350 लोग शामिल हैं। पटना में पासवान, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश नारायण यादव सहित कई नेताओं को हिरासत में लिया गया। बंद समर्थकों ने जहानाबाद, दरभंगा, शेखपुरा और मसौढ़ी में रेल मार्ग जाम कर दिया।
पश्चिम बंगाल में बंद की वजह से रेल और उ़डान सेवाएं बाधित हुईं हैं। कोलकाता और राज्य के विभिन्न इलाकों में बंद से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। विश्वविद्यालयों और विद्यालयों में प्रस्तावित परीक्षाओं के साथ-साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विभिन्न विमानन कंपनियों ने उ़डानों को रद्द कर दिया। विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने रेलमार्गो पर प्रदर्शन किया। दक्षिण पूर्व रेलवे के प्रवक्ता ने कहा कि कई रेलगाç़डयों को रद्द कर दिया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि लंबी दूरी की रेलगाç़डयों को रद्द किया गया है।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने हिंसक प्रदर्शन किया। इस दौरान कई स्थानों पर पुलिस से उनकी झ़्ाडपें भी हुई। लखनऊ में पुलिस ने सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। सपा कार्यकर्ताओं ने विधानसभा के सामने व अन्य दो जगहाें पर तीन बसों को फूंक दिया और पुलिस पर पथराव किया। लखनऊ के जिलाधिकारी अनिल कुमार सागर ने संवाददाताओं से कहा कि सपा कार्यकर्ताओं का प्रदश्üान हिंसक प्रदश्üान में बदल गया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सपा कार्यकर्ताओं ने इलाहाबाद के प्रयाग रेलवे स्टेशन के निकट इलाहाबाद-लखनऊ गंगा गोमती एक्सप्रेस रोकी और रेलमार्ग पर लेटकर यातायात बाधित किया।
मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में बंद का मिलाजुला असर दिखा। इंदौर में समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने बाजार बंद कराने की कोशिश की। पुलिस ने इस मामले में कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। राज्य के विभिन्न इलाकों में परिवहन व्यवस्था पर बंद का असर नहीं देखा गया। तमिलनाडु के अधिकांश इलाकों में दुकानें और अन्य प्रतिष्ठान अन्य दिनों की तरह खुले रहे। वहीं करूर, गोबीचेट्टीपालयम और माइलादुथु़डी जिलों में बंद का आंशिक असर देखा गया। परिवहन व्यवस्था पर बंद का असर नहीं प़डा। दक्षिण रेलवे के प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा, ""रेल सेवा पर बंद का असर नहीं देखा गया। सभी कुछ सामान्य है।""
उ़डीसा में बंद की वजह से यातायात सेवा सबसे अधिक प्रभावित हुई। बीजू जनता दल (बीजद) के नेता वैष्णव परिदा ने कहा, ""हम आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हमने बंद का आह्वान केंद्र की नीतियों के खिलाफ किया है।"" केरल में बंद की वजह से राज्य परिवहन निगम की बसें नहीं चलाई जा रही हैं। स़डकों पर केवल भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन (इसरो) और सूचना व प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों के कुछ वाहन नजर आए। राज्य भर में सभी शैक्षणिक और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। आंध्र प्रदेश में मंगलवार को बंद के कारण स़डक परिवहन निगम (आरटीसी) ने अपनी सेवाएं रोक दी है। पुलिस के अनुसार राज्य के विभिन्न इलाकों में प्रदर्शनाकारी स़डकों पर उतर आए। अधिकांश इलाकों में शैक्षणिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। हैदराबाद में बंद का आंशिक असर देखा गया। यहां अन्य दिनों की तरह ही स़डकों पर वाहन देखे गए।
त्रिपुरा में माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता बिजोन धर ने संवाददाताओं से कहा, ""यह बंद बढ़ती महंगाई को रोकने में असफल केंद्र सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा है।"" राज्य के विभिन्न इलाकों में अधिकांश शैक्षणिक और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बंद का असर परिवहन व्यवस्था पर भी देखा गया।

महंगाई पर कहीं बंद हुआ तो कहीं नहीं

महंगाई के खिलाफ गैर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और गैर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) 13 दलों के आह्वान पर महंगाई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।

वाम शासित राज्यों पश्चिम बंगाल, केरल में रेल और हवाई यातायात पर असर पड़ा। वहीं कुछ राज्यों में इसका आंशिक असर देखा गया। शाम 6 बजे खत्म हुए 12 घंटे के 'भारत बंद' का उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश और झारखंड में भी कुछ प्रभाव नजर आया।

राजधानी सहित महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों और देश के कई भागों में बंद के दौरान छिटपुट विरोध प्रदर्शन को छोड़कर स्थिति सामान्य रही। चार वामपंथी दलों के अलावा 13 दलीय समूह ने इस बंद का आह्वान किया था।

इनमें अन्नाद्रमुक, बीजद, सपा, राजद, तेदेपा, रालोद, लोजपा, जद एस और इनेलोद शामिल हैं। यह समूह पेट्रोल, डीजल और उर्वरकों की बढ़ी हुई कीमतें वापस लेने की मांग कर रहा है।

बंगाल : फंसे रहे यात्री

पश्चिम बंगाल और केरल में बंद के कारण सड़कें वीरान और गलियां सुनसान रहीं। बंद के चलते शैक्षणिक संस्थानों को भी आज बंद कर दिया गया था। हवाई अड्डों और ट्रेनों में यात्रा करने वाले हजारों लोग शाम तक फंसे रहे।

कोलकाता में हवाई अड्डा सूत्रों ने बताया कि आज सवेरे 25 घरेलू और अन्तरराष्ट्रीय उड़ानों में से मात्र 10 ही रवाना हो सकीं। इनमें एयर इंडिया, जेट एयरवेज और जेटलाइट की उड़ानें शामिल हैं। पूर्वी रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि कई स्टेशनों पर बंद समर्थकों द्वारा पटरियों पर अवरोध खड़े करने के कारण हावड़ा और सियालदाह स्टेशनों पर रेल सेवाएं बाधित रहीं।

बिहार : बंद रहीं दुकानें

बिहार में बंद का सबसे ज्यादा असर रेल और सड़क यातायात पर रहा। इससे राज्य भर में हजारों मुसाफिरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। राजधानी पटना में सुबह से ही सड़कों पर लोगों की तादाद काफी कम रही, दुकानें और निजी प्रतिष्ठान भी बंद रहे। बंद की वजह से प्रदेश के निजी स्कूलें भी बंद रहीं।

हालांकि, सरकारी दफ्तर खुले थे लेकिन उनमें कर्मचारियों की उपस्थिति कम रही। राजधानी पटना के अलावा सूबे के अन्य शहर जैसे भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर, बाढ़, हाजीपुर, बेगूसराय, छपरा, बरौनी और अन्य शहरों में भी बंद का काफी जबर्दस्त असर रहा। राज्य में लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान और अन्य विपक्षी नेताओं के साथ 9 हजार से अधिक बंद समर्थकों को हिरासत में ले लिया गया।

उप्र : बसों में आग

उत्तर प्रदेश के कई भागों में रेल सेवाओं पर असर पड़ा और लखनऊ में 3 बसों को आग लगा दी गई। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के पुत्र और सांसद अखिलेश यादव को प्रदर्शनकारियों की अगुवाई करते हुए लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया।

दिल्ली : रहा बेअसर

राजधानी दिल्ली में बंद का कोई खास असर नजर नहीं आया। दुकानें और बाजार रोजमर्रा की तरह खुले रहे और शिक्षण संस्थानों तथा व्यवसायिक परिसरों में रोजमर्रा की तरह काम हुआ।

हरियाणा : आंशिक असर दिखा

हरियाणा में बंद का मिलाजुला असर नजर आया। पंचकुला में जहां बंद का आंशिक असर रहा वही अंबाला सिटी में कई दुकानें और अन्य वाणिज्यिक संस्थान बंद रहे।

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