रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा है कि भारत पूँजी प्रवाह पर टॉबिन टैक्स लगाने पर विचार नहीं कर रहा है, लेकिन बाद में इस कर को लगाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
टॉबिन टैक्स वह टैक्स है जिसे देश में विदेशी पूँजी प्रवाह में अल्पकालिक उछाल को हतोत्साहित करने के लिए विदेशी मुद्रा लेन-देन पर लगाया जाता है।
यहाँ पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुब्बाराव ने कहा कि देश में विदेशी पूँजी का प्रवाह कितना है इस आधार पर हम उपाय करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो टॉबिन टैक्स जैसे उपाय किए जा सकते हैं।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि फिलहाल हम टॉबिन टैक्स पर विचार नहीं कर रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि इसकी जरूरत है, लेकिन यह हमारे विचार से बाहर भी नहीं है।
सुब्बाराव ने कहा कि ऐसे समय में जब आर्थिक संकट पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, कुछ उभरते देशों में पूँजी प्रवाह की तेजी को देखते हुए टॉबिन किस्म के टैक्स लगाने के प्रश्न एवं सुझाव सामने आ रहे हैं।
संकट से पहले और बाद में चिली, कोलंबिया, ब्राजील और मलेशिया जैसे कुछ देशों ने टॉबिन टैक्स या इसी तरह के कर के साथ प्रयोग किया है। (भाषा)
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Tuesday, April 27, 2010
विदेशी पूँजी प्रवाह पर कर संभव-रिजर्व बैंक
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